अमौली विकास खंड की ग्राम पंचायत चांदपुर सो सबसे बड़ी ग्राम पंचायत का दर्जा मिला है | आठ मजरों में बंटी इस ग्राम पंचायत के विकास के लिए मनरेग और ग्राम निधि की थैली खोलकर कम कराया जा रहा ही|
राज्यकीय योजना
केंद्रीय प्रायोजित ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम
केन्द्र द्वारा वित्त पोषित ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम के अन्तर्गत सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के अन्तर्गत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रो में गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को प्रोत्साहन स्वरूप आर्थिक सहायता उपलब्ध कराते हुए व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया जाता है। योजना का क्रियान्वयन वर्ष 1999-2000 में चार जनपदों से प्रारम्भ होकर वर्तमान में समस्त जनपदों में किया जा रहा है। अभियान का संचालन जनपद स्तर पर जिला पंचायत के नियन्त्रणाधीन जिला स्वच्छता समिति द्वारा किया जाता है। अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में प्रभावी जागरूकता कार्यक्र मों द्वारा सर्वप्रथम व्यक्तिगत शौचालयों की मांग का सृजन किया जाना है ताकि शौचालयों के निर्माण के उपरान्त उनका उपयोग हो तथा व्यक्तियों में स्वच्छ आदतें भी विकसित हों।
केंद्रीय प्रायोजित ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम
हैण्डपम्पों की मरम्मत डा0 अम्बेडकर ग्राम विकास योजना
बहुउद्देशिये पंचायत भवनों का निर्माण
राष्ट्रीय ग्राम स्वराज योजना के अन्तर्गत निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों एवं कर्मियो का प्रशिक्षण
कृषि
कृषि सुविधा
गाँव वालों के पास खेती करने के लिए पर्याप्त खेती है जिसमें वे लोग अपनी सुविधा के अनुसार फसल लगाते है खेतों में धान, गेंहूँ, मक्का, बाजरा, जौ, मटर, चना, दाल, गन्ना, एवं सब्जी आदि की खेती करते है और कुछ लोगों के बाग भी है जिसमें आम, अमरूद, जामुन आदि के पेड़ लगे है!
शिक्षा
प्राइमॅरी विधालयों की संख्या | 02 |
स्थापना | 1995-96 |
प्रधानाचार्य | 1 |
अध्यापक | 3 |
अध्यापिका | 2 |
शिक्षा मित्र | 2 |
छात्र | 15 |
छात्राएँ | 18 |
माध्यमिक विधालयों की संख्या | |
स्थापना | |
प्रधानाचार्य | |
अध्यापक | |
अध्यापिका | |
छात्र | |
छात्राएँ | |
आँगन बाड़ी केंद्रों की संख्या | |
कार्यकर्ता | |
इंटर कॉलेजों की संख्या | |
डिग्री कॉलेजों की संख्या | |
पौंड शिक्षा केंद्रों की संख्या | 00 |
रात्रि शिक्षा केंद्रों की संख्या | 00 |
कंप्यूटर शिक्षा केंद्रों की संख्या | 00 |
तकनीकी शिक्षा केंद्रों की संख्या | 00 |
राष्ट्रीय समाचार
केंद्र योजना
कृषि भारत की कुल जनसंख्या के 58.4% से अधिक लोगों की आजीविका का मुख्य साधन है। देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भी कृषि का योगदान लगभग पांचवें हिस्से के बराबर है। कुल निर्यात का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा कृषि से प्राप्त होता है और यह अनेक उद्योगों के लिए कच्चा माल भी उपलब्ध कराता है। अस्थिर और कम विकास दर और देश के अनेक हिस्सों में कृषि संकट न केवल राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के लिए खतरा है बल्कि राष्ट्र के रूप में आर्थिक विकास के लिए कृषि महत्वपूर्ण है।
इस खंड में सरकार की योजनाओं और नीतियों से जुड़े महत्वपूर्ण लिंक दिए गए हैं। इसके अलावा अनेक ऐसी चीजें दी गई हैं जो कृषक समुदायों और कृषि पर निर्भर अन्य लोगों के लिए लाभकारी होंगी।
कृषि उत्पादन योजनाएं
फसल विकास योजनाएं
- गेहूं की फसल पर आधारित समेकित अनाज विकास कार्यक्रम
- चावल की फसल पर आधारित समन्वित अनाज विकास कार्यक्रम
- मोटे अनाजों पर आधारित समेकित विकास कार्यक्रम, क्षेत्र के आधार
- गन्ना फसल के सतत विकास के लिए, फसल आधारित प्रणाली
- जूट के लिए विशेष विकास कार्यक्रम को नौंवी योजना के दौरान लागू किया गया था। इसके बाद अक्टूबर 2000 में कृषि को आर्थिक मंच में शामिल कर लिया गया, जिससे राज्य सरकारों को काफी सुविधा प्राप्त हुई। इन कार्यक्रमों को लागू करने के लिए राज्यों को उनकी जरूरतों के हिसाब से सहायता भी दी गई।
पंचायत
ग्राम पंचायत बड़ागाँव
ब्लॉक : भिटौरा
पोस्ट : भिटौरा
थाना : हुसेंगंज
जिला : फतेहपुर
पंचायत में कुल वार्डों की संख्या : 11
ग्राम प्रधानम : श्रीमति माया देवी पत्नी श्री रामनरेश
उम्र : 47
कार्य : ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले समस्त गाँव के विकास कार्य को देखना एवं उन गाँव का समुचित विकास करना.
सचिव : श्री धुन्ना प्रसाद
पंचायत सदस्य :- 11
नाम | पिता/पति/माता | उम्र | फोन/मोबाइल | पता | कार्य | फोटो |
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पंचायत का क्षेत्रफल: 610 हेक्टेयर लगभग
पंचायत की कुल जनसंख्या: 4569 लगभग (पुरुष-40% महिला-35% बुजुर्ग-10% बच्चे-15%)
जनसंख्या घनत्व : 400 व्यक्ति / वर्ग कि०मी० लगभग
साक्षरता : 80% लगभग
इतिहास
बड़ागाँव ग्राम पंचायत, में इस बार महिला प्रधान है! इनकी शिक्षा माध्यमिक ही है! यह फतेहपुर शहर से 20/25 किलोंमिटर की दूरी पर है! यहाँ पर आने जाने के लिए संम्पर्क मार्ग बना हुआ है! पर यहाँ पर प्राइवेट साधन है! और लोग अपने साधन से आते जाते है! इस ग्राम पंचायत में पाँच गाँव आते है! जिसमे बड़ागाँव ग्राम पंचायत भी सम्मलित है! अन्य चार गाँव भदार, मानपुर, कल्यणीपुर, ज़िरवा पुर, आते है! ये सभी गाँव छोटे-छोटे है! यहाँ सभी लोग साधारण तौर-तरीके से ही रहते है! यहाँ के घर तो पक्के एवम् कच्चे बने है! पर उनका रहन-सहन सहदरण ही है| लगभग सभी के पास (गाय, भैंस, बकरी, बैल) आदि जानवर भी है| जिनसे कृषि का कार्य किया जाता है| इस पंचायत में पीने के लिए पानी की व्यवस्था अच्छी है जानवरों के लिए तालाब बने हुए है जिनमें गाँव के जानवर पानी पीते है एवं गाँव के बच्चे यहाँ पर नहाते भी है गर्मियों के मौसम में ये तालाब लोगों को काफ़ी राहत देते है|
भदार:- भदार ग्राम में ही प्रधान जी का घर है! यह गाँव भी ज़्यादा बड़ा नही है| यहाँ का रहन-सहन भी सभी गाँव जैसा ही है गाँव में एक तालाब है और यहाँ पर कच्चे-पक्के मकान भी है कुछ के मकान झोपड़ी के भी है जो लोग काफ़ी ग़रीब है|
मानपुर:- मानपुर भदार ग्राम से कुछ ही दूर पर स्थित है और यहाँ के लोग भी साधारण तौर-तरीके से रहते है एवं अपनी दिनचर्या के अनुसार कार्य करते है इस गाँव में पर्याप्त खेती है जिस में गाँव के लोग खेती करते है और अपना भारण पोषण करते है गाँव के कुछ लोग बाहर जा कर नौकरी भी करते है|
कल्यणीपुर:- यह भी भदार गाँव के बगल में है कल्यणीपुर भदार ग्राम से २ किलो मीटर की दूरी पर स्थित है और यहाँ के लोग भी साधारण तौर-तरीके से रहते है एवं अपनी दिनचर्या के अनुसार कार्य करते है इस गाँव में पर्याप्त खेती है जिस में गाँव के लोग खेती करते है और अपना भारण पोषण करते है गाँव के कुछ लोग बाहर जा कर नौकरी भी करते है|
ज़िरवा पुर:- यह गाँव भदार ग्राम से १.५ किलो मीटर की दूरी पर स्थित है और यहाँ के लोग भी साधारण तौर-तरीके से रहते है एवं अपनी दिनचर्या के अनुसार कार्य करते है इस गाँव में पर्याप्त खेती है जिस में गाँव के लोग खेती करते है और अपना भारण पोषण करते है गाँव के कुछ लोग बाहर जा कर नौकरी भी करते है|
रज़नापुर:-