चंदेल राजपूत के आने से गाँव का नाम चंदाना पड़ा| इस गाँव को बसाने वाले 4 लोग थे जिसमे पहले चंदेल राजपूत ,लाटा माली (सैनी) बिमाडा लुहार, कुश मैलू ब्राह्मण थे| इन चार लोगो ने गाँव बसाया| कुछ समय उपरांत तीन गाँव से चले गये| केवल कुश मैलू ब्राह्मण यहाँ पर रह गये| उसके बाद नयी जातियाँ व गोत्र के लोग आकर बस गये जिनमे जाट जाति में काला रामना, बैनीवाल, बेरवाल, सिंधु गोत्र और संड़लिया गोत्र के ब्राह्मण, सीमार और रंगा गोत्र के हरिजन, वैदी गोत्र के बाल्मिकी आकर बसे |
अब गाँव में और भी कई जातियाँ हैं जैसे नाई झिम्मर, ओढ़, डूम, सोरगार, जोगी, हेडी आदि| गाँव में संभी जातियों के लोग भाई चारा व प्रेम पूर्वक रहते हैं| अब गाँव मे दो पती है इसमे अमीचन्द तोता पती व मनी राम पती है| हमारा गाँव भारत के हरियाणा राज्य के कैथल जिले में सरसा ब्रांच नहर के पास स्थित है| जिसकी कैथल शहर से दूरी मात्र 5 किलोमीटर, धर्मनगरी कुरुक्षेत्र से 45 किलोमीटर, राजधानी चंडीगड़ से 125 किलोमीटर, करनाल से 70 किलोमीटर व जींद से 60 किलोमीटर है|