प्रधान / सदस्य

ग्राम पंचायत कुकुढा
ब्लॉक : चिराईगाँव
पोस्ट : अम्बा
थाना : चौबेपुर
जिला : वाराणसी – 221104

पंचायत में कुल वार्डों की संख्या : 13
पंचायत का सालाना बजट : 07 लाख
बी. पी. एल. परिवार : 250

ग्राम प्रधानम : नथुनी यादव
उम्र : 30 वर्ष
कार्य : ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले समस्त गाँव के विकास कार्य को देखना एवं उन गाँव का समुचित विकास करना.
सचिव : श्री आनन्द नारायण सिंह

पंचायत सदस्य :- 13

नाम उम्र शिक्षा  पिता/पति मोबाइल नं० पता कार्य









































































































पंचायत का क्षेत्रफल: 544.05 हेक्टेयर
पंचायत की कुल जनसंख्या: 5866 लगभग (पुरुष-40% महिला-35% बुजुर्ग-10% बच्चे-15%)
जनसंख्या घनत्व : 546 व्यक्ति / वर्ग कि०मी०
साक्षरता : 60%

शिक्षा केंद्र

प्राइमॅरी विधालयों की संख्या
01
माध्यमिक विधालयों की संख्या
01
इंटर कॉलेजों की संख्या
00
डिग्री कॉलेजों की संख्या
00
आँगन बाड़ी केंद्रों की संख्या
03
पौंड शिक्षा केंद्रों की संख्या 00
रात्रि शिक्षा केंद्रों की संख्या
00
कंप्यूटर शिक्षा केंद्रों की संख्या
00
तकनीकी शिक्षा केंद्रों की संख्या
00
अध्यापकों की संख्या
06
अध्यापीकाओं की संख्या
04
शिक्षा मित्रों की संख्या
02
प्रधानाचार्यों की संख्या
01
छात्रों की संख्या
400
छात्राओं की संख्या
200

कृषि

गाँव में रबी, खरीफ व धन देने वाली फसल का उत्पादन होता है। देश में हरित क्रांति में जब से बिजली का आगमन हुआ तो किसानों के साथ खेती से जुडे लोगों की स्थिति ही बदल गई। इसके बाद खेतों में ट्यूब वेल लगे और किसानों नें खरीब की फसल के साथ ही रबी की फसल का भी उत्पादन करना शुरू किया। गाँव की अधिकांश कृषि भूमि पर रबी की फसल होने लगी। गांव में रबी की फसल में गैहूं,चना,जौ,मैथी,सरसों आदि फसलों का उत्पादन होता है। खरीफ की फसल में बाजरा, मूंग, ज्वार, बाजरा,  आदि फसलों का उत्पादन किया जाता है। फसल में प्याज,लहसून,जीरा,धनिया आदि फसलों के साथ विभिन्न प्रकार की सब्जियों का उत्पादन किया जाता है। पिछले कई सालों के मुकाबलें किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई तथा उनके रहन सहन में बदलाव हुआ है।

कृषि विभाग की योजना:

  • माइक्रो मैनेजमेंट
  • आइसोपाम
  • कृषि सांखियकी सुधार योजना
  • कपास योगदान
  • फसलों के क्षेत्रफल एवं उत्पादन आँकड़े
  • फसल बीमा योजना
  • कृषक प्रक्षेत्रों पर प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश कृषि विभाग

भारत सरकार कृषि विभाग

रहन-सहन

ग्राम पंचायत के सभी गाँवों के लोगों का रहन-सहन साधारण ही है जैसा की सभी भारत के गाँवों का है यहाँ के लोग साधारण गाँव के कच्चे-पक्के मकान में रहते है और अपना-अपना कार्य करते है जिन लोगों के पास घर नही है उन लोगों को पंचायत की ओर से इंदिरा आवास योजना के तहत घर दिए गये है और जिनके पास खेती नही है वे लोग दूसरों की खेती करते है कुछ के घर झोपड़ी नुमा बने है गाँव के लोग पशु पलते है ताकि उन्हे दूध मिल सके एवं बाग आदि भी है अतः इससे उनको रहने खाने की सुविधा रहती है!

संसाधन / सुविधाएँ

संसाधान
प्रकतिक संसाधन
ग्राम पंचायत में सभी गाँव मे कुल मिलाकर 03 पोखर एवं 01 नदी है जिनसे गाँव वालों का काम होता है इन पोखरों, नदी से खेतों की सिचाई, गाँव के जानवरों को पीने का पानी एवं गाँव के बच्चे इन पोखरों / नदी में नहाते है गाँव की महिलाएँ कपड़े आदि भी धोती है गर्मी के समय इन पोखरों / नदी से गाँव वालों को पानी की ज़्यादा समस्या नही होती है और इनका काम होता रहता है! गाँव पंचायत में कुएँ भी है!

व्यक्तिगत संसाधन
ग्राम पंचायत में कुल 125 हॅंडपंप लगे हुए है जो की गाँव के लोगों ने अपनी सुविधा के अनुसार अपने-अपने घरों में लगा रख्खे है और कुछ हॅंडपंप ग्राम पंचायत ने सार्वजनिक लगाएँ है ताकि रह चलने वालों को पानी की समस्या न हो! इस ग्राम पंचायत में 01 पानी की टंकी है जिससे गाँवों को खेतों की सिचाई के लिए पानी मिलता है!

मानव संसाधन
ग्राम पंचायत के सभी गाँवों को मिलाकर करीब पंचायत में 30 प्रतिशत मजदूर, 60 प्रतिशत किसान, 10 प्रतिशत नौकरी एवं व्यापारी लोग रहते है किसान अपनी खेती करते है मजदूर खेतों एवं फॅक्टरी, दुकानों में मजदूरी, कुछ सरकारी-कुछ प्राइवेट नौकरी करते है और अपना एवं अपने परिवार का पालन पोषण करते है!

सांस्कृतिक संसाधन
ग्राम पंचायत में सांस्कृतिक भवन नही है पर पंचायत में कुर्शी, मेज, अलमारी आदि रखे है यदि गाँव में कोई कार्यक्रम जैसे- शादी, होली, दीपावली, ईद, बकरीद आदि कार्यक्रम गाँव वाले मिल कर कराते है उसके लिए सांस्कृतिक भवन / सरकारी स्कूल के भवन आदि ले लेते है और कार्यक्रम समाप्त होने के पश्चात उसकी साफ-सफाई भी करते है!

यातायात के साधन
ग्राम पंचायत रोड से ज्यादा दूर नही है अतः किसी भी जगह से आने जाने के लिए बस और प्राइवेट साधन उपलब्ध हैं, परंतु सड़क से ग्राम पंचायत तक जाने के लिए पैदल या अपनी सवारी से यात्रा करनी पड़ती है पर कुछ ही दूर के लिए| यहाँ से कुछ ही दूरी पर रेलवे स्टेशन है जहाँ से लगभग सभी जगह के लिए ट्रेन मिल जाती है| हवाई साधन के लिए इलाहाबाद जाना पड़ता है एवं लोगों के पास अपने साधन भी है|

सुविधाएँ
स्वास्थ सुविधा
ग्राम पंचायत में एक स्वास्थ केंद्र है जिसमें एक एम. बी. बी. एस. डॉक्टर, एक समान्य डॉक्टर, एक नर्स, एक ए. एन. एम. बैठिति है एवं गाँव वालों का इलाज करते है स्वास्थ केंद्र होने की वजह से गाँव वालों को समान्य बीमारी के लिए शहर नही जाना पड़ता है उसका इलाज यहीं हो जाता है!

कृषि सुविधा
गाँव वालों के पास खेती करने के लिए पर्याप्त खेती है जिसमें वे लोग अपनी सुविधा के अनुसार फसल लगाते है खेतों में धान, गेंहूँ, मक्का, बाजरा, जौ, मटर, चना, दाल, गन्ना, एवं सब्जी आदि की खेती करते है और कुछ लोगों के बाग भी है जिसमें आम, अमरूद, जामुन आदि के पेड़ लगे है!

संचार सुविधा
पंचायत में लगभग 05% बेसिक टेलिफोन फोन है जो की भारत संचार निगम लिमिटेड के है और 75% लोगों के पास मोबाइल फोन है, और गाँवों में पी. सी. ओ. भी है|

बिजली सुविधा
इस पंचायत में लाइट की ज़्यादा समस्या नही है गाँव में लगभग 10 से 14 घंटे लाइट आती है जिसे गाँव वालों को कोई समस्या नही होती है पर लाइट का समय सही न होने के कारण कभी-कभी समस्या उत्पन्न हो जाती है!

रोज़गार सुविधा
नौकरी : पंचायत में लगभग 10% लोग नौकरी करते है (सरकारी / प्राइवेट), 60% लोग किसानी, 30% लोग मजदूरी करते है
फैक्टरी : इस ग्राम पंचायत के आस पास औधोगिक क्षेत्र नही है इस लिए यहाँ पर फैक्टरी कम या ना के बराबर है इस लिए लोगों के पास रोजगार कम है जिसके लिए उन्हे गाँव बाहर जाना पड़ता है |
गाँव में : गाँव में कृषि, पशुपालन, डेरी, सब्जी आदि का व्यपार होता है| मुस्लिम लोग मुर्गी पालन करते है, करीब गाँव में सभी प्रकार की फसलों की पैदा वार होती है|

गाँव में रोज़गार

नौकरी: पंचायत में लगभग 10% लोग नौकरी करते है (सरकारी / प्राइवेट), 60% लोग किसानी, 30% लोग मजदूरी करते है

फैक्टरी: इस ग्राम पंचायत के आस पास औधोगिक क्षेत्र नही है इस लिए यहाँ पर फैक्टरी कम या ना के बराबर है इस लिए लोगों के पास रोजगार कम है जिसके लिए उन्हे गाँव बाहर जाना पड़ता है |

गाँव में: गाँव में कृषि, पशुपालन, डेरी, सब्जी आदि का व्यपार होता है| मुस्लिम लोग मुर्गी पालन करते है, करीब गाँव में सभी प्रकार की फसलों की पैदा वार होती है|

ग्राम पंचायत के सभी गाँवों को मिलाकर करीब पंचायत में 30 प्रतिशत मजदूर, 60 प्रतिशत किसान, 10 प्रतिशत नौकरी एवं व्यापारी लोग रहते है किसान अपनी खेती करते है मजदूर खेतों एवं फॅक्टरी, दुकानों में मजदूरी, कुछ सरकारी-कुछ प्राइवेट नौकरी करते है और अपना एवं अपने परिवार का पालन पोषण करते है!

विकास कार्य

ग्राम पंचायत के द्धारा गाँवों में पुलिया का निर्माण एवं मरम्मत का कार्य किया गया है एवं 500 मीटर खड़ंजा सड़क निर्माण, गाँवों में हॅंडपंप लगवाना एवं उनकी मरम्मत कराना, वृक्षारोपण कराना, भवन निर्माण आदि का कार्य किया जा रहा है ताकी गाँव वालों को किसी की कमी ना हो यही ग्राम पंचायत का उद्देश्य है!
सड़क (कच्ची-पक्की) : 500 मीटर

  • हॅंडपंप : 10
  • वृक्षा रोपण : 120 पेड़
  • तालाब निर्माण : 01

ग्राम राजस्व

अम्बा
भौगोलिक क्षेत्रफल : पठारी
कृषि योग्य भूमि : 130 हेक्टर लगभग
गाँव समाज भूमि: 23.35 हेक्टर
लगभग
कुकुढा
भौगोलिक क्षेत्रफल : पठारी
कृषि योग्य भूमि : 110 हेक्टर लगभग
गाँव समाज भूमि:  15.5 हेक्टर
लगभग
अहिरान
भौगोलिक क्षेत्रफल : पठारी
कृषि योग्य भूमि : 115 हेक्टर लगभग
गाँव समाज भूमि:  10.2 हेक्टर लगभग

डाड पर
भौगोलिक क्षेत्रफल : पठारी
कृषि योग्य भूमि :  120 हेक्टर लगभग
गाँव समाज भूमि:  20 हेक्टर लगभग

पट्टा
कैसे ले पट्टा
पट्टा(व्यावसायिक या आवासीय) लेने के लिए सबसे पहले ग्राम पंचायत को संबंधित व्यक्ति द्वारा पट्टा लेने के लिए प्रार्थना पत्र दिया जाता है। उसके बाद ग्राम पंचायत की साधारण मीटिंग या ग्राम सभा में पट्टे का मामला रखा जाता है। इसके बाद संबंधित व्यक्ति को पट्टा मिले या नहीं इसके संबंध में प्रस्ताव लिया जाता है। ग्राम पंचायत दो पंचों को जांच के लिए नियुक्त करेगी जो मौके पर जांच कर रिपोर्ट ग्राम पंचायत को देंगे।
पूरी तरह सही पाए जाने के बाद सरपंच प्रार्थि को पट्टा जारी करेगा।

नामांतरण
क़्या है नामांतरण
राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज खातेदार के नाम में ही जैसे विरासत,बेचान, न्यायालय निर्णय या दुरूस्तीकरण आदि मे परिवर्तन ही नामांतरण हैं। ग्राम पंचायत विरासतन एवं विक्रय के नामांतरण के निर्णय करने में सक्षम हैं